कुछ बात तो है इस दिल को बेकरार किया उसने। ~एकांत नेगी
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
ज़ालिम दुनिया समंदर है shayari in hindi किनारा मुमकिन नहीं।
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
मैं घर का रास्ता भूला, जो निकला आपके शहर से,
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।